Bhagwat sharan upadhyaya biography of rory
आज हम लोग Dr Bhagwat Sharan Upadhyay Ka Jeevan Parichay के बारे में जानेंगे. डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जन्म वर्ष ईस्वी में यूपी के बलिया जिले में हुआ था.
यदि आपका कक्षा 10th में पढ़ते हैं तो आपको डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय के बारे में अवश्य जानना चाहिए क्योंकि यह हिंदी के एग्जाम में लिखने के लिए आता है.
यदि आप लोग हमारे इस आर्टिकल को पूरे अंत तक पढ़ते हैं तो मैं पूरे दावे के साथ कर सकता हूं की आपको डॉ भगवतशरण उपाध्याय जीवन परिचय एकदम याद हो जाने वाला है.
सबसे पहले हम डॉ.
भगवत शरण उपाध्याय का जीवन परिचय संक्षिप्त में पढ़ लेते हैं. आपको नीचे टेबल के माध्यम से उनके पूरे जीवनी का एक ओवरव्यू पढ़ने को मिल जाएगा जिसे आप पर पढ़ सकते हैं.
लेखक का नाम | डॉ. भगवतशरण उपाध्याय |
अन्य नाम | उपाध्याय जी |
जन्म वर्ष | वर्ष ईस्वी |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अंतर्गत उजियारपुर गावँ |
मृत्यु वर्ष | 12 अगस्त ईस्वी |
मृत्यु स्थान | मॉरीशस |
पिता जी का नाम | पंडित रघुनन्दन उपाध्याय जी |
माता जी का नाम | महादेवी जी |
शिक्षा | प्राचीन इतिहास से एम० ए० |
राष्ट्रीयता | भारतवासी |
पेशा | लेखक एवं प्रोफेसर |
भाषा | खड़ीबोली |
शैली | वर्णात्मक, चित्रात्मक एवं भावात्मक शैली |
काल | आधुनिक काल |
प्रमुख रचनाये | विश्व साहित्य की रूपरेखा, कालिदास का भारत, कादम्बरी, लाल चीन, गंगा-गोदावरी, साहित्य और कला, सागर की लहरों पर आदि है. |
साहित्य में योगदान | इन्होने से अधिक रचनाये करके साहित्य के प्रति अपने प्रेम को दिखाया. |
डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय को आपने टेबल के माध्यम से एक ओवरव्यू पढ़ लिया है.
आप चाहे तो इसके मदद से इनके पूरे जीवन परिचय को लिख सकते हैं. फिर भी मैं आपको भगवतशरण उपाध्याय का पूरे जीवन परिचय बताने वाला हूं.
डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय
डॉ भगवतशरण उपाध्याय जन्म सन ईस्वी में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अंतर्गत उजियारपुर गांव में हुआ था. भगवत शरण उपाध्याय के पिताजी का नाम पंडित रघुनंदन उपाध्याय जी था तथा माता जी का नाम महादेवी था.
डॉ भगवत शरण उपाध्याय की प्रारंभिक शिक्षा इनके बलिया जिले से ही सम्पन्न हुई थी.
Reflexiones sobre tony melendez biographyउसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास में एम. ए. उत्तीर्ण किया.
भगवतशरण उपाध्याय जी ने महिला महाविद्यालय में अध्यापक पद पर कार्य भी किया है. उपाध्याय जी ने कई बार यूरोप, अमेरिका, चीन आदि देशों का भी यात्राएं की जहां पर भारतीय संस्कृति एवं साहित्य पर बहुत से महत्वपूर्ण ज्ञान दिए.
डॉ भगवतशरण उपाध्याय जी ने से अधिक रचनाये करके साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
उपाध्याय जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्राचीन भारत के प्रमुख अध्येता एवं व्याख्यात होते हुए भी रूढ़िवादिता एवं परंपरावादिता से सदैव ऊपर रहे है.
उपाध्याय जी अपने मौलिक एवं स्वतंत्र विचारों के लिए आज भी साहित्य में प्रसिद्ध है. डॉ भगवतशरण उपाध्याय जी की मृत्यु 12 अगस्त सन ईस्वी में मॉरीशस में हो गई थी.
डॉ भगवतशरण उपाध्याय का साहित्यिक परिचय
हिंदी के साहित्यकारों में डॉ भगवत शरण उपाध्याय जी का विशेष स्थान रहा है जिन्होंने पाश्चात्य सिद्धांत और भारतीय सिद्धांतों का समन्वय भली प्रकार से किया है.
भगवतशरण उपाध्याय जी ने से अधिक ग्रंथो की रचना की है जिसमें इंडिया इन कालिदास इनकी प्रमुख रचना रही है.
जटिल से जटिल भाषाओं को को सरल शब्दों में लिख करके इन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अपना एक अलग ही नाम बनाया.
इसके अलावा उपाध्याय जी ने विभिन्न देशों में भ्रमण करके हिन्दी साहित्य पर व्याख्यान दिए.
डॉ भगवत शरण उपाध्याय की रचनाएँ
डॉ भगवत शरण उपाध्याय की रचनाएँ विश्व साहित्य की रूपरेखा, कालिदास का भारत, कादम्बरी, साहित्य और कला, सागर की लहरों पर आदि है.
भगवत शरण उपाध्याय की रचनाओं को आप कुछ इस प्रकार लिख सकते हैं जैसा कि आपको नीचे लिखा हुआ दिख रहा है
- पुरातत्व: मंदिर और भवन, कालिदास का भारत, भारतीय चित्रकला की कहानी
- इतिहास: खून की छीटें, इतिहास साक्षी है, इतिहास के पन्नों पर
- आलोचना: विश्व साहित्य की रूपरेखा, साहित्य और कला
प्रिय छात्रों अब आपको लोगों ने भगवत शरण उपाध्याय की रचनाओं को भी पढ़ लिया है और मुझे उम्मीद है कि आपको अभी तक लेख बहुत ही अच्छे से समझ में आया होगा.
यदि आप लोग कक्षा 10 में है और अपने हिंदी विषय के Order 10 Hindi Jivan Parichay को पढना चाहते है तो मैंने इसके बारे में लिख राखी है जिसे आप लोग जाकर पढ़ सकते है.
Dr Bhagwat Sharan Upadhyay Ka Jeevan Parichay PDF
हम लोग ने भागवत कर उपाध्याय के जीवन परिचय को अच्छे से पढ़ लिया है.
चलिए अब हम लोग इन्हीं के जीवन परिचय को एक पीडीएफ में डाउनलोड करने के बारे में जान लेते हैं.
यदि आप लोग कक्षा 10 में पढ़ते हैं तो आपको अपने नोट्स बनाने होते हैं. इसके लिए आप Dr Bhagwat Sharan Upadhyay Ka Jeevan Parichay PDF को डाउनलोड करके अपने कॉपी में लिख सकते हैं.
मैंने आज आपको इस आर्टिकल में जो भी बताया है उसी को पीडीएफ में कन्वर्ट करके मैंने आपको दिया है.
नीचे आपको जो पीडीऍफ़ का ओवरव्यूव दिख रहा है उसके दाहिने साइड में तीर के ऑप्शन पर क्लिक करके पीडीएफ को गूगल ड्राइव से डायरेक्ट देख सकते हैं.
यदि आप इस पीडीऍफ़ को डाउनलोड करना चाहते हैं तो वहां से थ्री डॉट पर क्लिक करके डाउनलोड का ऑप्शन होगा बस उसपे क्लिक करते ही यह पीडीएफ आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाएगा.
भगवतशरण उपाध्याय का साहित्य में स्थान
भगवत शरण उपाध्याय जी पुरातत्व और संस्कृति के महान विद्वान है.
उपाध्याय जी हिंदी के पुरातत्व विद्, भारतीय संस्कृति के अध्येता थे.
इन्होंने हिन्दी, संस्कृत आदि भाषाओ में से भी अधिक पुस्तके लिख करके हिंदी साहित्य में अपना उल्लेखनीय स्थान बनाया है.
उपाध्याय जी को आज भी इन्हें साहित्य के क्षेत्र में जाना जाता है. उपाध्याय जी की रचनाएं साहित्य के क्षेत्र में हमेशा उनकी याद दिलाती रहती है.
डॉ भगवतशरण उपाध्याय का भाषा शैली
भगवत शरण उपाध्याय जी सार्वजनिक भाषा का प्रयोग करते थे.
इन्होंने अपने रचनाओं को हिंदी खड़ी बोली, संस्कृत और उर्दू में लिखा है. उपाध्याय जी ने संस्कृत और उर्दू शब्दों का प्रयोग करके अपने रचनाओं में मधुरता लाये.
उपाध्याय जी ने मधुर भाषा के प्रयोग से पाठक प्रभावित करते थे. उपाध्याय जी द्वारा अपनाई गई वर्णनात्मक और चित्रात्मक शैली इतनी प्रभावशाली है कि इनके साहित्य को पढने वाले इनके दीवाने हो जाते थे.
FAQs: डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय से जुड़े
अब हम लोग डॉ गवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय से जुड़े कुछ FAQ को जान लेते हैं.
यदि आपके मन में भी कोई सवाल है और आप उसका उत्तर जानना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर पढ़ करके अपने सवालों का जवाब आसानी से जान सकते हैं.
इसके अतिरिक्त आपको यदि भगवतशरण उपाध्याय के जीवन से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना है तो नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं मैं उसका जवाब आपको दूंगा.
प्रश्न: डॉ भगवतशरण उपाध्याय कौन थे?
उत्तर: डॉ भगवतशरण उपाध्याय छायावाद युग के महान लेखक और प्रोफ़ेसर थे.
इन्होने हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अनेको रचनाये करके अपना नाम बनाया है इसलिए आज उपाध्याय जी को सभी साहित्य प्रेमी जानते है.
प्रश्न: डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: डॉ भगवत शरण उपाध्याय का जन्म वर्ष ईस्वी में उजियारपुर गांव में हुआ था.
प्रश्न: डॉ भगवतशरण उपाध्याय का मृत्यु कब हुआ था?
उत्तर: डॉ भगवतशरण उपाध्याय का मृत्यु 12 अगस्त ईस्वी को मारीशॉस मैं हो गई थी और हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए यह दिन दुखद दिन था.
प्रश्न: डॉ भगवतशरण उपाध्याय के माता पिता का क्या नाम था?
उत्तर: डॉ भगवतशरण उपाध्याय के माता पिता का नाम पंडित रघुनंदन उपाध्याय और महादेवी जी था.
प्रश्न: भगवतशरण उपाध्याय द्वारा रचित निबंध कौन सा है?
उत्तर: भगवतशरण उपाध्याय द्वारा रचित निबंध विश्व साहित्य की रूपरेखा, कालिदास का भारत, कादम्बरी, लाल चीन, गंगा-गोदावरी आदि है.
प्रश्न: भगवतशरण उपाध्याय किस युग के लेखक हैं?
उत्तर: भगवतशरण उपाध्याय भारतेन्दु युग के लेखक हैं.
प्रश्न: सागर की लहरों पर पुस्तक के लेखक कौन है?
उत्तर: सागर की लहरों पर पुस्तक के लेखक डॉ भगवतशरण उपाध्याय जी है जिन्होंने ऐसे महान रचनाये करके साहित्य को समर्पित की है.
निष्कर्ष
आज के हमने इस लेख में डॉ भगवतशरण उपाध्याय का जीवन परिचय को बहुत ही अच्छे से समझा और पढ़ा है.
इसके साथ ही हमने भागवत कर उपाध्याय के साहित्यिक परिचय रचनाओं के बारे में भी ज्ञान अर्जित की है.
हमने डॉ भगवतशरण उपाध्याय के जीवन के विभिन्न पहलुओ को भी समझा है. आज की इस लेख से हमने डॉ भगवतशरण उपाध्याय का साहित्य के क्षेत्र में दिए गए योगदान के बारे में भी विस्तार से जाना है.
यदि आप लोगों को आज की हमारी लेख Dr Bhagwat Sharan Upadhyay Ka Jeevan Parichay पसंद आया है तो अपने बाकी मित्रों के साथ भी शेयर करके इसकी जानकारी उन तक जरुर पहुचाये.
यदि आप अन्य महत्वपूर्ण जीवनियों को पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अन्य जीवन परिचय को पढ़ सकते हैं.
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प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।
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